एक्टर रणवीर शौरी ने अयोध्या नगरी में बन रहे राममंदिर को लेकर अपने पहले के विचार के लिए दुख जताते हुए श्रीराम से माफी मांगी है. अपने ट्वीट (X) में वो लिखते हैं कि – मैं उन अधिकांश हिंदुओं में से एक था, जो अयोध्या में रामजन्मभूमि को छोड़ देना चाहते थे. मैं उन लोगों में शामिल था जो राममंदिर की जगह एक अस्पताल की पैरवी करते थे जिससे कि इस जगह को लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच का विवाद खत्म हो सके. लेकिन आज मैं इस बात पर शर्मिंदा (Ashamed) महसूस कर रहा हूं कि मैंने रामजन्मभूमि जैसी पवित्र जगह के अधिकार के बदले शांति को चुना था. रणवीर शौरी आगे लिखते हैं कि – मैं इस बात पर भी शर्मिंदा हूं कि मैं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और उनके मूल्यों पर खड़ा नहीं हुआ. सत्य और न्याय के लिए एक लंबी और कठिन लड़ाई लड़ने वाले सभी लोगों को मेरी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. अपने इस ट्वीट में एक्टर रणवीर शौरी ने भगवान राम से माफी भी मांगी. उन्होंने लिखा कि – मैं भगवान श्रीराम से क्षमा और सद्बुद्धि की कामना करता हूं. मैं ये भी कामना करता हूं कि हमारी इस भूमि पर धर्म का राज हो और साथ ही भारत के सभी लोगों के लिए शांति और समृद्धि आए.
जाहिर रणवीर शौरी का ये ट्वीट तथाकथित उदार लोगों को पसंद नहीं आया. बहुत से लोगों को रणवीर शौरी का हृदय परिवर्तन नहीं भाया और सभी ने उनको कोसना शुरू कर दिया. किसी ने उनके इस ट्वीट को उनकी अगली फिल्म की मार्केटिंग का हिस्सा बताया, किसी ने उनकी निजी जिंदगी पर कमेंट किए. तो किसी ने उन्हें एकता और धर्मनिरपेक्षता का पाठ पठाया. हालांकि ट्विटर पर रणवीर शौरी ने सभी का बखूबी जवाब भी दिया.
बात यहीं खत्म नहीं हो जाती. क्या रणवीर शौरी को राममंदिर निर्माण पर खुशी नहीं जता सकते. क्या भाईचारा बनाए रखने के लिए हिंदुओं को राम की पूजा करना छोड़ना पड़ेगा. क्या भगवान राम से माफी मांगने से देश की एकता और धर्मनिर्पेक्षता खतरे में आ जाएगी. सच्चाई ये है कि बहुत से लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में बन रहा राममंदिर पसंद नहीं आ रहा. उन्हें इस बात से दिक्कत है कि कोई हिंदू अपनी भावनाओं का सरेआम इस तरह से इजहार कैसे कर सकता है, जैसा रणवीर शौरी ने किया. इसीलिए रणवीर शौरी इनके निशाने पर आ गए. सच्चाई ये भी है कि रणवीर शौरी ने दिल की बात सुनी और उसे सबसे सामने कहने की हिम्मत दिखाई. जबकि बहुत से हिंदू तो ऐसा करने से भी हिचकिचाते हैं कि कहीं ऐसा कहने से उनकी दुकानदारी खत्म ना हो जाए. अगर आप रणवीर शौरी को ट्विटर पर घेरने वालों के ट्वीट पढ़िए तो साफ नजर आता है कि बहुत से लोगों को राममंदिर में आम लोगों की आस्था और इतने साल तक राममंदिर के लिए हुआ संघर्ष नहीं दिखता. उन्हें इतिहास में हिंदुओं और उनके प्रतीकों के साथ हुई ज्यादती से भी कोई मतलब नहीं. हैरानी की बात है कि ऐसे लोग मानते हैं कि हिंदुओं को ही ऐसी जगहों से अपनी दावेदारी से पीछे हट जाना चाहिए. लेकिन अब वक्त बदल चुका है, रणवीर शौरी अकेले नहीं हैं, बहुतों का हृदय परिवर्तन होगा.