Sambhal violence : संभल हिंसा में शामिल आरोपियों के खिलाफ एक्शन को लेकर यूपी की योगी सरकार और सख्त हो गई है. पुलिस ने इस हिंसा में शामिल 74 संदिग्धों के पोस्टर शहर में लगवाए हैं. आरोपियों की पहचान करके उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस एक्टिव हो गई है. बता दें कि 24 नवंबर को मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा में भारी पथराव और आगजनी हुई थी. जिसमें 4 युवकी की मौत की खबर आई थी.
इस हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि संभल का एक भी दंगाई बख्शा नहीं जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि संभल या किसी अन्य जिले में किसी को भी अराजकता फैलाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने ये बातें कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान कहीं.
इसस पहले संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में 400 उपद्रवियों की पहचान हो चुकी है. इनमें से 4 महिलाओं समेत 31 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. बाकी आरोपियों की पहचान में तेजी लाई जा रही है. पुलिस के मुताबिक हिंसा के दौरान उपद्रवियों के पास से चाकू, तमंचे और कारतूस बरामद किए गए हैं.
सर्वे रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निचली कोर्ट इस मामले में कोई एक्शन न ले. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोर्ट के आदेश के बिना कुछ भी न किया जाए. अर्जी पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि – हम नहीं चाहते कि इस बीच कुछ भी हो. उन्हें आदेश को चुनौती देने का अधिकार है. वो रिवीजन या 277 याचिका दायर कर सकते हैं. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि – जिला प्रशासन सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ शांति समिति बनाएगा. हमें पूरी तरह से तटस्थ रहना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि कुछ भी न हो.
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
संभल की जामा मस्जिद को लेकर अर्जी के बाद 19 नवंबर को मस्जिद का सर्वे किया गया. इस अर्जी में जामा मस्जिद की जगह हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया. 22 नवंबर को जियाउर्रहमान बर्क ने मस्जिद में लोगों को भड़काया. इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे के दौरान प्रशासन द्वारा किए जा रहे सर्वे को हथियारों से लैस लोगों द्वारा बाधित किया गया. इस मामले में जियाउर्रहमान बर्क और सुहैल इकबाल समेत करीब 800 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है.
पुलिस के मुताबिक समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और संभल सदर सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल का नाम हिंसा में आ रहा है. इन दोनों को नामजद किया गया है. जियाउर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद के संरक्षण को लेकर भड़काने वाली बातें कही थीं. पुलिस की FIR के मुताबिक 22 नवंबर को जियाउर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद में नमाज अदा करने के बाद भीड़ को जुटाया और सियासी फायदा लेने के लिए उन्हें भड़काया.
इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे को रोकने के लिए आई में सुहैल इकबाल भी मौजूद थे. उन्होंने भीड़ को भड़काते हुए कहा कि जियाउर्रहमान बर्क हमारे साथ हैं. हम लोग आपके साथ हैं. कुछ नहीं होने देंगे. अपने मंसूबे पूरे कर लो. सुहैल इकबाल की बातें सुन कर भीड़ हिंसक हो गई और नारेबाजी करते हुए पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. पुलिस की गाड़ी और दूसरी कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. यही नहीं भीड़ में शामिल एक शख्स ने तो एक पुलिस अधिकारी पर जान लेने के मकसद से फायरिंग की. इस फायरिंग में पुलिसकर्मी घायल हो गया.