उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान के लिए नदी की स्थानीय परिस्थितियों के अध्ययन के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने बाढ़ संबंधी परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए प्रदेश के चौबीस जिलों को अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखते हुए अफसरों को सख्त निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि जिस नदी के मेन स्ट्रीम में सिल्ट की अधिकता हो, नदी उथली हो, वहां ड्रेजिंग को प्राथमिकता दी जाए और नदी को चैनलाइज किया जाए.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अगर ड्रेजिंग से समाधान होना संभव न हो तब ही तटबंध अथवा कटान निरोधी अन्य उपाय किए जाएं. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी नदियों के ड्रोन सर्वेक्षण कर स्थानीय परिस्थितियों के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ की समस्या के स्थाई निदान के लिए पिछले आठ साल में की गई कोशिशों के बेहतर नतीजे मिले हैं. बाढ़ को देखते हुए अति संवेदनशील जिलों की संख्या में काफी कमी आई है. विशेषज्ञों की सलाह की मदद से आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बाढ़ से होने खतरों को काफी कम किया जा सका है. इससे पहले तक बाढ़ से प्रदेश में काफी धन और जन की हानि होती थी.
बाढ़ के मद्देनजर यूपी के 24 अति संवेदनशील जिले
लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, अयोध्या, सीतापुर, उन्नाव, अलीगढ़, शाहजहांपुर, बरेली, कासगंज, बुलंदशहर, मुरादाबाद, रामपुर, गौतमबुद्ध नगर, हमीरपुर, शामली हरदोई, सहारनपुर, पीलीभीत, बारांबकी, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, संतकबीरनगर, श्रीवस्ती, बदायूं. मऊ, देवरिया, बलिया, गोंड्णा, सिद्धार्थनगर, बिजनौर, बस्ती और बहराइच (तस्वीर साभार- MYogiAdityanath फेसबुक पेज से साभार)