उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2025 के कुंभ को देख पूरी दुनिया अचंभित थी. एक ही घाट पर सभी ने स्नान किया. जो पहले भेदभाव लिखते थे वो भी भौचक्के रह गए. कहीं कोई भेदभाव नहीं था. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमने संगम में बाबा साहब के सपने को पूरा किया है. कहीं कोई भेदभाव नहीं था, गंदगी की कोई जगह नहीं थी. हम लोगों की कमी है कि विदेशी लेखकों ने जो लिख दिया हमने उसे सही मान लिया. ज्योति बा फुले, सावित्री बाई फुले ने जो कहा, हमने नहीं माना. यही वजह देश गर्त में चला गया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब खुद के विवेक से काम करते हैं तो हमें सफलता मिलती है. दूसरों के विवेक से काम लेना जरूरी नहीं. यही भारत के साथ हुआ. हमने अपनी परंपरा को कोसना शुरू कर दिया. अपने ज्ञान पर संदेह शुरू कर दिया. इससे विदेशी आंक्रांताओं को मौका मिला. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जब पूरा विश्व कोरोना की चपेट में थी तब भारत में न्यू एजुकेशन पॉलिसी बनी. ये दुनिया में कहीं भी नहीं थी. सरकार की जितनी भी स्कीम है वो किसी मत और जाति को देखकर नहीं बनी है. बिना भेदभाव के दी गई है. यही बाबा साहब का सपना था.