करीब 500 साल की प्रतीक्षा के बाद रामलला अयोध्या में एक बार फिर अपने भव्य मंदिर में विधि-विधान से विराजमान हो गए हैं. सच ही कहा जा रहा है कि भारत की सांस्कृतिक समृद्धि के नव अध्याय का यह शुभारंभ है. अयोध्या से लेकर उज्जैन तक, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पूरे देश में श्रद्धालुओं ने रामलला के विराजमान होने पर उत्सव मनाया. घरों और मंदिरों में रामज्योति जलाकर दिवाली मनाई गई. रामलला की प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि – सदियों की प्रतिक्षा, त्याग और तपस्या के बाद हमारे राम आ गए हैं, हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे. अब वो दिव्य मंदिर में रहेंगे. उन्होंने कहा कि 22 जनवरी कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं, ये एक कालचक्र का उद्गम है. गुलामी की मानसिकता को तोड़कर राष्ट्र उठ खड़ा हुआ है. यह सामान्य समय नहीं है. लंबे वियोग से जो विपत्ति आई थी, वह खत्म हो चुकी है.
(Image Source – Narendra Modi x Account)
‘मंदिर वहीं बना, जहां का संकल्प लिया था’
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश का हर नगर, हर ग्राम आज अयोध्या धाम है. हर मार्ग श्रीराम जन्मभूमि की तरफ आ रहा है. हर जीभ रामनाम जप रही है. पूरा राष्ट्र राममय है. हम त्रेता युग में आ गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मंदिर के लिए संतों, संन्यासियों, नागाओं-निहंगों और समाज के तमाम लोगों ने खुद को समर्पित कर दिया. आज मंदिर वहीं बना है, जहां का संकल्प किया था.
‘रामजी के आने के बाद कलह खत्म हुई’
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आज अयोध्या में रामलला के साथ भारत का स्वर लौटा है, समस्त विश्व को त्रासदी से राहत देने वाला एक नया भारत खड़ा होकर रहेगा. आज हुई प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम इसी का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि जोश की बातों में होश की बातें करने की काम मुझे सौंपा जाता है. रामलला तो आ गए लेकिन अब राम राज्य लाने की जिम्मेदारी रामभक्तों की है. मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या में रामलला आए हैं, लेकिन वो अयोध्या से बाहर क्यों गए थे. उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या उस नगरी का नाम है. जिसमें कोई द्वंद नहीं, कोई कलह नहीं है. रामजी के आने के बाद कलह खत्म हुई. (Image Source – Narendra Modi x Account)