पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न आजादी के बाद लगातार आज तक जारी है. ताजा मामला सिंध प्रांत का है. जहां कुछ मजहबी लोगों ने तीन हिंदू बहनों और उसके 13 साल के भाई को अगवा कर मुस्लिम बना दिया. हालांकि स्थानीय हिंदुओं ने पुलिस पर दबाव बनाकर इन लोगों को रिहा करवा लिया. लेकिन इस मामले में चौंकाने वाला फैसला तो कोर्ट ने सुनाया. कोर्ट ने दोनों बालिग बहनों को इस्लाम में ही रहने दिया और उन्हें उनके माता-पिता लौटाने की बजाए एक ट्रस्ट के हवाले कर दिया. हैरानी की बात ये शर्त रखी गई कि वो उनके माता-पिता को तभी सौंपा जाएगा कि वो दस करोड़ का बांड यह लिख कर भरेंगे कि वो उन दोनों पर वापस हिंदू बनने पर जोर नहीं देंगे.
स्थानीय हिंदुओं में इस घटना को लेकर काफी नाराजगी है. इस घटना के बाद लगी हिंदू पंचायत ने इसे जबरन धर्मांतरण करार दिया है. इन बच्चों की मां प्रेस कॉन्फ्रेंस में रो रही थी कि मुझे मेरा बेटा वापस दे दो. वो सिर्फ 13 साल का है और मजहब के बारे में कुछ नहीं समझता. हिंदू परिवार ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलवाल भुट्टो जरदारी से अपने बच्चों को वापस दिलाने में मदद करने की अपील की है.