Operation Mahadev : Operation Sindoor पर संसद में चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि कैसे Pahalgam में शामिल आतंकियों की पहचान की गई. Pahalgam हमले में शामिल आतंकियों को करीब दो महीने (97 दिन) तक चले Operation Mahadev के जरिए मार गिराया गया. जिसके बाद उस हमले का बदला पूरा हुआ. आतंकवादी Pakistan वापस भागकर ना जाने पाएं इसके लिए गुप्त सुरंगों (करीब आठ किलोमीटर) को पानी से भर दिया गया. खुद गृहमंत्री ने हाईलेवल मीटिंग में यह निर्देश दिया था कि ये हमलावर Pakistan वापस ना जा पाएं. इससे आतंकियों के वापस जाने का रास्ता बंद हो गया. इसके बाद सुरक्षाबलों ने उन्हें ट्रैक कर जंगल में मार गिराया. ये तीनों आतंकी सुलेमान, अफगानी और जिबरान 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के बाद से जंगल में छिपे हुए थे.
इन आतंकियों के मारे जाने के बाद अब इनकी पहचान के लिए इनकी गन से चली बुलेट और Pahalgam में मिली बुलेट से मैच के लिए एफएसएल भेजा गया. इस रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई कि इन्हीं गन से Pahalgam में फायरिंग हुई थी. इसके अलावा इनके मददगारों से इनकी पहचान कराई गई. इसके अलावा बनाए गए स्केच से भी इनकी मिलान की गई. यही नहीं इन आतंकियों के पाकिस्तानी नागरिक होने के सबूत भी मिले हैं एनआईए की जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि ये तीनों दहशतगर्द लश्कर-ए-तैयबा के विंग – द रेजिडेंट फ्रंट से जुड़े थे.