राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख Mohan Bhagwat ने कहा कि हिंदू राष्ट्र शब्द का सत्ता से कोई मतलब नहीं है. जब हम हिंदू राष्ट्र कहते हैं तो उसका मतलब ये नहीं कि हम किसी को छोड़ रहे हैं. किसी का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिंदू वही है, जो अलग-अलग मान्यताओं वाले लोगों की श्रद्धा का सम्मान करता है. हमारा धर्म सभी के साथ समन्वय का है, टकराव का नहीं. मोहन भागवत ने कहा कि पिछले 40 हजार साल से Akhand Bharat में रह रहे लोगों का डीएनए एक है. Akhand Bharat की इस जमीन पर रहने वाले हमारी संस्कृति, दोनों ही सद्भाव से रहने वाले लोग हैं.
Mohan Bhagwat ने कहा कि दुनिया में हमारे देश को काफी योगदान देना है. अब विश्व गुरू बनने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि आरएसएस के बारे में चर्चा परसेप्शन नहीं, फैक्ट के आधार पर होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ क्यों शुरू हुआ, इतनी बाधाओं के बाद क्यों चल रहा है और सौ साल चलने के बाद भी नए क्षितिज की बात क्यों कर रहा है. उनका सिर्फ एक जवाब है- भारत माता की जय, भारत की जय जयकार होनी चाहिए. विश्व में पहला स्थान मिलना चाहिए. (तस्वीर – राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ फेसबुक पेज से साभार)