भारत पर अमेरिका का पचास फीसदी टैरिफ लागू हो चुका है. लेकिन इस बीच अमेरिका के सुर भी बदलने लगे हैं. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि आखिरकार अमेरिका और भारत दोनों एक साथ आ जाएंगे. उन्होंने कहा कि टैरिफ की ऊंची दरें सिर्फ भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद के कारण नहीं हैं, बल्कि इस बात पर भी निर्भर हैं कि व्यापार समझौते के लिए चल रही बातचीत कितनी लंबी खिंच रही है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. मुझे लगता है कि अंत में हम साथ आ जाएंगे.
इस बीच जर्मन अखबार ने दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को डेड इकॉनमी बताए जाने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत आहत हुए हैं. अखबार ने दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल के हफ्तों में कम से कम 4 बार प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बातचीत की कोशिश की. लेकिन पीएम मोदी ने हर बार कॉल लेने से इनकार कर दिया. हालांकि भारतीय मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक सरकारी सूत्रों ने अखबार की इस खबर को खारिज किया है. (image was created using AI)