असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के रहते असम को इस्लामी कट्टरपंथियों का गढ़ बनना असंभव है. उन्होंने कहा कि मौलाना मदनी, सैयदा हमीद और हर्ष मंदर जैसे लोगों का मकसद असम को कट्टर इस्लामवादी प्रदेश बदलना है. बीजेपी लगातार असम की सत्ता पर काबिज और मजबूत है. वो तमाम कोशिशों के बाद भी हमारे खिलाफ कुछ नहीं कर पाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा अगला चरण एनआरसी है. घुसपैठियों की बेदखली जारी रहेगी. इसके अलावा हमारे एजेंडे में और भी बहुत कुछ है. हम अपना काम जारी रखेंगे.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पहले भी राज्य की जनसांख्यिकीय बदलाव (demographic change ) को लेकर बड़ा दावा किया था. उन्होंने कहा था कि अगर जनसंख्या वृद्धि की दर ऐसी ही बनी रही तो 2041 तक असम में मुस्लिम आबादी करीब हिंदुओं के बराबर हो जाएगी. 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य की करीब 34 प्रतिशत मुस्लिम आबादी में से 31 प्रतिशत वो लोग हैं जो पहले असम में प्रवासित हुए हैं.
मुख्यमंत्री का कहना है कि असम की कुल मुस्लिम आबादी में से 3 फीसदी स्वदेशी असमिया मुस्लिम हैं. साल 2011 में छह जिले मुस्लिम बहुल थे आज ये 11 जिले हो गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में 29 लाख बीघा भूमि अवैध बांग्लादेशियों और संदिग्ध नागरिकों के अतिक्रमण में है. मैं इतनी भूमि के लिए योजना नहीं बना सकता. मेरी उम्र खत्म हो जाएगी. लेकिन तब भी पूरी अतिक्रमण भूमि खाली नहीं होगी. (तस्वीर साभार- हिमंत बिस्वा सरमा फेसबुक पेज से साभार)