क्या वजह है कि कांग्रेस और उसके नेताओं के तौर तरीके और उनकी बातें हिंदुओं को पीड़ा पहुचाने वाले होते हैं. ताजा मामला एमपी का है, जहां छिंदवाड़ा में आदिवासी समाज के कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि गर्व से कहो, हम आदिवासी हैं, हिंदू नहीं. उन्होंने कहा कि मैं इस बात को कई सालों से कहता आया हूं कि वो शबरी ही थी जिसने राम को बेर खिलाए थे वो आदिवासी थीं.
कांग्रेस नेता उमंग सिंघार के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने गहरी नाराजगी जताई है. बीजेपी का कहना है कि उमंग सिंघार का यह बयान आदिवासियों के गले में क्रॉस लगाकर सोनिया गांधी को खुश करने के लिए है. यह देश को तोड़ने, सनातन और हिंदुओं का अपमान करने की मानसिकता है औऱ इस भाषा के पीछे सोनिया गांधी हैं.
कर्नाटक में हिंदू मंदिरों पर टैक्स
कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने मंदिरों पर 10 फीसदी का टैक्स लगाया . कांग्रेस सरकार कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024 विधानसभा में पास किया. जिसके मुताबिक सरकार एक करोड़ रुपए से ज्यादा आमदनी वाले मंदिरों से 10 प्रतिशत आय वसूल करेगी. वहीं जिन मंदिरों की कमाई 10 लाख से एक करोड़ के बीच है, उसे 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा. इस फैसले पर भारतीय जनता पार्टी और तमाम साधु-संतों ने कांग्रेस सरकार पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया है.
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से दूरी
अयोध्य में राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से भी कांग्रेस ने दूरी बनाई थी. कांग्रेस का यह फैसला भी हिंदू समाज को पसंद नहीं आया. इससे पहले साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कांग्रेस सरकार ने भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था. कांग्रेस का यह कदम भी हिंदुओं के लिए तकलीफदेह रहा. (तस्वीर -राहुल गांधी फेसबुक पेज से साभार)