17वीं लोकसभा के आखिरी सत्र की अंतिम बैठक के दौरान पूरी संसद राममय नजर आई. अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर संसद में चर्चा हुई. पूरे सद्भाव के साथ हुई इस चर्चा में श्रीराम के तमाम रूपों के गुणों पर बात हुई. विपक्ष के सदस्यों ने भी भगवान राम के प्रति अपने भाव रखे. संसद में बहस के दौरान सत्ता पक्ष के सांसदों ने जय श्रीराम के नारे लगाए और कांग्रेस पर श्रीराम के अस्तित्व को नकारने का आरोप लगाया. जिसे कांग्रेस ने खारिज किया. बीएसपी सांसद मलूक नागर ने तो कांग्रेस को सलाह दी कि वो देश में राममंदिर को लेकर जो खुशी की लहर है उसे समझे.
राममंदिर पर पारित प्रस्ताव गर्व का मौका देगा
अयोध्या में राममंदिर पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि राममंदिर पर लोकसभा में पारित प्रस्ताव आने वाली पीढ़ी को देश के मूल्यों पर गर्व करने का मौका देगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस विषय पर बोलने में कुछ लोग हिम्मत दिखाते हैं, कुछ लोग मैदान छोड़कर भाग जाते हैं.
आने वाले 25 साल अहम, मनचाहे नतीजे हासिल होंगे
प्रधानमंत्री मोदी ने चर्चा के दौरान कहा कि आज जो व्याख्यान हुए उसमें संकल्प, संवेदना और सहानुभूति है. बुरे दिन कितने भी गए हों. हम भावी पीढ़ी के लिए कुछ न कुछ करते रहेंगे और सामूहिक संकल्प शक्ति से परिणाम हासिल करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव अब करीब हैं और लोग उसे लेकर चिंतित हो सकते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में जो आर्थिक सुधार हुए उसमें सभी सांसदों की भूमिका रही. अब आने वाले 25 साल अहम हैं, देश को मनचाहे नतीजे हासिल होंगे.
इतिहास और ऐतिहासिक पलों को नहीं पहचानने वाले अस्तित्व खो देते हैं
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 1528 में शुरु हुए एक संघर्ष और एक आंदोलन का अंत 22 जनवरी, 2024 को हुआ. उन्होंने कहा कि देश की संस्कृति और रामायण अलग नहीं है. गृहमंत्री ने कहा कि – मैं देश की आवाज और अपने मन की बात इस सदन के सामने रखना चाहता हूं. ये आवाज कई साल से कागजों में दबी थी. उन्होंने कहा कि 22 जनवरी, 2024 का दिन अब ऐतिहासिक बन गया है. जो इतिहास और ऐतिहासिक पलों को नहीं पहचानते. वो अपने अस्तित्व को खो देते हैं.
(तस्वीर साभार – संसद टीवी)