राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि दुनिया में लोगों को डर लगता है कि भारत अगर बड़ा हो जाएगा तो मेरा क्या होगा. भारत बड़ा हुआ तो हमारा स्थान कहां रहेगा. इसलिए टैरिफ लागू किया गया. हमने तो कुछ किया नहीं, जिसने किया था, उसको पुचकार रहे हैं, क्योंकि ये साथ रहेगा तो भारत पर थोड़ा दबाव बना सकते हैं. उन्होंने अधूरी दृष्टि से हल निकालने की कोशिश का बहुत प्रयास किया. लेकिन नहीं मिला.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति स्वभाव से अस्थिर हैं और कूटनीति की दुनिया में प्रचलित मान्यताओं का पालन नहीं कर रहे हैं. उनसे पहले 44 या 45 राष्ट्रपति हुए हैं लेकिन किसी ने भी व्हाइट हाउस में इस तरह का व्यवहार नहीं देखा. उनका मिजाज बहुत ही चंचल रहता है और अमेरिकी सिस्टम में राष्ट्रपति को बहुत अधिक छूट है. वह एक असामान्य राष्ट्रपति हैं, जो कूटनीतिक व्यवहार के पारंपरिक मानकों का सम्मान नहीं करते. क्या आपने किसी वैश्विक नेता को यह कहते सुना है कि वह नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. क्या आपने किसी विश्व नेता को यह कहते सुना है कि ओह, दुनिया के सभी देश आकर मेरी पीठ थपथपाना चाहते हैं.