राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि एक सशक्त और एकजुट Hindu समाज ही देश की सुरक्षा और अखंडता की गारंटी है. Hindu समाज एक जिम्मेदार समाज है. Hindu समाज हमेशा से हम और वे की मानसिकता से मुक्त रहा है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह और विजयदशमी के मौके पर नागपुर में आयोजित समारोह में संघ प्रमुख ने कहा कि विविधता और हमारी संस्कृति का पूर्ण स्वीकार और सम्मान जो हम सभी को एक सूत्र में बांधती है, वही राष्ट्रवाद है, जिसे हम Hindu राष्ट्रवाद कहते हैं. यही हमारे लिए Hindu राष्ट्रवाद है.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि बीते दिनों देश में पहलगाम में दुखद घटना हुई, लोगों की धर्म पूछकर हत्या की गई. हमारी सरकार और सेना ने उस हमले का पुरजोर जवाब दिया. इसमें हमारी सेना की बहादुरी, नेतृत्व की ढृढता और देश की एकता देखने को मिली. इस घटना के बाद दुनिया में हमें पता चला कि हमारे मित्र कौन-कौन हैं.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि यह वर्ष श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान का साढ़े 300 सौ साल है. जिन्होंने अत्याचार, अन्याय और सांप्रदायिक भेदभाव से समाज के मुक्ति के लिए अपना बलिदान कर दिया और समाज की रक्षा की ऐसी एक विभूति उनक स्मरण इस वर्ष होगा. उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और शास्त्री जी के योगदान का भी स्मरण किया. (तस्वीर – राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ फेसबुक पेज से साभार)