बसंत पंचमी के बाद मां सरस्वती की प्रतिमा का विसर्जन करने जा रहे भक्तों को मुस्लिम समाज के लोगों ने रोक दिया. ये लोग मुस्लिम बहुल इलाके वाली मस्जिद के सामने से यात्रा को गुजरने नहीं देना चाहते थे. यात्रा रोके जाने पर दोनों पक्षों में बहस होने लगी. तभी अचानक मस्जिद के आस-पास के घरों से विसर्जन करने जा रहे लोगों पर पत्थर फेंके जाने लगे. जिसमें कई लोग जख्मी हो गए.
हिंदू प्रतीकों और मंदिर में तोड़फोड़
घटना नेपाल में रौतहट जिले के वीरगंज की है. जहां ये हमला 15 फरवरी को हुआ. इस घटना के बाद से इलाके में तनाव है. इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने पर 19 फरवरी को जब हिंदू संगठनों ने वीरगंज बंद का एलान किया तो मुस्लिम समाज के लोग नारेबाजी करते हुए सड़क पर आ गए. इस भीड़ ने हिंदू प्रतीकों को फेंक दिया और मंदिर में तोड़फोड़ भी की.
नेपाल में बहुसंख्यकों पर भी भारी उपद्रवी
फिलहाल इस मामले में तनाव बढ़ता देख प्रशासन ने वीरगंज में कर्फ्यू लगा दिया है. नेपाल में ये पहली घटना नहीं है. हिंदू संगठनों का दावा है कि दुर्गा पूजा के दौरान भी हिंदुओं के कार्यक्रम में बाधा पहुंचाई जाती है. जबकि 81 फीसदी आबादी होने के साथ-साथ नेपाल में हिंदू बहुसंख्यक हैं.
शोभायात्रा पर पत्थर से हमला भारत में भी आम बात
नेपाल ही नहीं भारत में भी ऐसी घटना बेहद आम है. हिंदुओं की शोभायात्रा में पथराव की तमाम घटनाएं होती रहती हैं. कुछ दिन बाद सब सामान्य हो जाता है. प्रशासन भी ऐसी घटनाओं का मानो आदी हो गया है. उसे मानो इन घटनाओं की परवाह ही नहीं है. प्रशासन भी राज्य में किसकी सरकार है, इसे देखते हुए ही कोई कार्रवाई करती है. दो दिन पहले ही बिहार के दरभंगा में बसंत पंचमी के बाद मूर्ति विसर्जन के दौरान पथराव की घटना हुई. अचानक हुए इस पथराव में कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए. इन जख्मी लोगों में कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. खबरों के मुताबिक मूर्ति विसर्जन के दौरान मूर्ति तोड़ने को लेकर विवाद शुरू हुआ. पुलिस का कहना है कि मूर्ति विसर्जन यात्रा किसी मस्जिद के पास से भी नहीं गुजर रही थीं, फिर भी उस पर हमला किया गया.
(Image Source – THE KATHMANDU POST)