जयपुर के हवामहल इलाके में करीब 31 साल से बंद पड़े मंदिर को खोलने के लिए जब स्थानीय बीजेपी विधायक आचार्य बालमुकुंद पहुंचे तो उन्हें मुस्लिम समाज के विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों ने अल्लाह हु अकबर के नारे लगा कर मंदिर खोले जाने का विरोध किया. ये वो इलाका है जहां कभी हिंदू बहुसंख्यक हुआ करते थे. लेकिन धीरे-धीरे मुस्लिम आबादी बढ़ जाने के बाद हिंदुओं को यहां जाना पड़ा. अब यहां मुस्लिम समाज के लोग ही रहते हैं. इसलिए सालों से मंदिर में ताला लगा था. आचार्य बालमुकुंद इस इलाके में मंदिरों की दुर्दशा और हिंदू समाज के लोगों को परेशानियों के मुद्दे को उठाते रहे हैं.
महाशिवरात्रि पर आचार्य बालमुकुंद ने मुस्लिम बहुल इलाके में बंद पड़े मंदिर को खोलकर पूजा-अर्चना की. जिस वक्त वो मंदिर में पूजा कर रहे थे. ठीक उसी वक्त मुस्लिम समाज के लोग जुट गए और अल्लाह हु अकबर के नारे लगाने लगे. आचार्य बालमुकुंद का कहना है कि पहले इलाके से कांग्रेस विधायक रफीक खान थे, इस वजह से मंदिरों का ये हाल हो गया. उनका कहना है कि अगर वो मंदिर में पूजा कर रहे हैं तो ये अशांति फैलाना नहीं है. हमारी सरकार आने पर अब ऐसे मंदिरों के ताले खुल रहे हैं.
छोटी काशी के नाम से विख्यात जयपुर के इस इलाके में कई पुराने मंदिर हैं जो हिंदुओं के इलाका छोड़कर जाने की वजह से बंद पड़े हैं. इससे पहले भी आचार्य बालमुकुंद इस इलाके के मंदिरों में हड्डियों के टुकड़े, शराब की बोतलें फेंके जाने को लेकर विरोध जता चुके हैं. आचार्य बालमुकुंद पर स्थानीय मुस्लिम समाज के लोग शांति बिगाड़ने का आरोप लगाते हैं. लेकिन मंदिर में पूजा के दौरान नारेबाजी करना कितना उचित है. (तस्वीर साभार – राजस्थान तक