पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू किए जाने पर सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोध जताया है. इसके विरोध में वो बुधवार को सिलिगुड़ी में एक रैली निकलाने जा रही हैं. ममता बनर्जी ने कहा है कि हम पश्चिम बंगाल में NRC, डिटेंशन कैंप की इजाजत नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि हम किसी को बंगाल में लोगों का हक छीनने की इजाजत नहीं देंगे. इसके लिए मैं अपनी जान देने को तैयार हूं.
केंद्र सरकार पर ममला का हमला
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर ममता ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि इसे लागू करने के लिए विशेष रूप से रमजान के शुरू होने का दिन शुरू किया गया. ममता का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून का सीधा संबंध NRC से है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी आने वाले दिनों में आशंति का खेल खेलने की कोशिश कर रही है. जो देश की धर्मनिरपेक्षता की जड़ों पर सीधा हमला है. ममता का दावा है कि नागरिकता संशोधन कानून का नियम स्पष्ट नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि NRC के नाम पर बीजेपी सरकार ने 13 लाख बंगालियों को बाहर कर दिया. इनमें से कई लोगों ने खुशकुशी कर ली.
‘मैं एनआरसी की इजाजत नहीं दूंगी’
ममता बनर्जी ने कहा कि वो अपने राज्य में किसी का हक नहीं लेने देंगी. उन्होंने कहा कि मैं NRC की इजाजत नहीं दूंगी. मैंने कानूनी राय ले ली है. ममता ने कहा कि जो लोग दिसंबर, 2014 के बाद आए हैं उन्हें NRC का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यह मुसलमानों पर भी लागू होता है. ममता ने आशंका जताई कि मौजूदा नागरिकों को पहले अवैध अप्रवासी करार दिया जाएगा फिर उन्हें नए सिरे से नागरिकता दी जाएगी.
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू करने का विरोध
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में असम में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. उधर केरल में भी सीपीआई(एम) ने भी इसका विरोध किया है. यहां लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट और युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने कानून को लागू किए जाने का विरोध किया है. जबकि गृह मंत्रालय ने एक बार फिर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के नियमों को स्पष्ट किया और अपील की – इससे भारतीय मुसलमानों की नागरिकता और समुदाय पर कोई असर नहीं पड़ेगा. (तस्वीर साभार – एएनआई)