दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार की दिलचस्पी सिर्फ सत्ता में बने रहने की है. यही नहीं कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी के बावजूद इस्तीफा न देकर केजरीवाल ने राष्ट्रीय हित के ऊपर निजी हित को प्राथमिकता दी है. दिल्ली हाईकोर्ट, केजरीवाल सरकार और एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) को 2 लाख से ज्यादा छात्रों को किताबें उपलब्ध नहीं करा पाने को लेकर फटकार लगाई. कोर्ट ने शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज पर कहा कि उन्होंने छात्रों की दुर्दशा पर आखें बंद कर रखी है.
MCD की अंदरूनी खींचतान के शिकार बच्चे
एक जनहित अर्जी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केजरीवाल सरकार पर सख्त टिप्पणी की. इस अर्जी में आरोप लगाया गया था कि एमसीडी की अंदरूनी खींचतान की वजह से इसके स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को किताबें तक नहीं मिल पाई हैं और यहां के बच्चे टिन शेड में पढ़ाई को मजबूर हो रहे हैं.
‘यहां सत्ता का अहंकार चरम पर’
दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट यहीं नहीं रुका. हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को इस बात की जरा भी चिंता नहीं है कि एमसीजी स्कूलों के छात्र स्कूल नहीं जा रहे, या फिर उनके पास किताबें हैं या नहीं हैं. उनकी दिलचस्पी सिर्फ सत्ता में है. हाईकोर्ट ने कहा कि यहां सत्ता का अहंकार शीर्ष पर है.
‘हमें उस रास्ते पर जाने को मजबूर कर रहे आप’
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि आपने कहा है कि मुख्यमंत्री के हिरासत में होने के बावजूद सरकार चलती रहेगी. आप हमें उस रास्ते पर जाने को मजबूर कर रहे हैं. जिस पर हम नहीं जाना चाहते थे. हमने अपने सामने आई जनहित अर्जी में कई बार यह कहा है, लेकिन यह आपके प्रशासन का फैसला है. कोर्ट ने आगे कहा कि अगर आप चाहते हैं कि हम इस पर टिप्पणी करें तो हम इस पर विचार करेंगे. ( फोटो साभार – अरविंद केजरीवाल के फेसबुक पेज से साभार)