मौके बे मौके अपनी नींद से जागने वाले राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस को जब भी मौका मिलता है वो सनातन धर्म के खिलाफ जगह उगलने से पीछे नहीं हटते. पिछले दिनों उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की द्वारका पूजा को ड्रामा बताया था. हैरानी की बात है कि राहुल गांधी को पूजा पाठ में ड्रामा नजर आता है. जबकि उनसे पूछा जाना चाहिए कि मां सोनिया के साथ संतरे का मुरब्बा बनाना, लालू यादव से मटन बनाना सीखना, खेतों में किसानों के साथ काम करना क्या ये ड्रामा नहीं है.
प्रधानमंत्री मोदी ने सही कहा है कि वोट बैंक की राजनीति के लिए उनकी द्वारका पूजा का मजाक उड़ाया गया है. ये वही राहुल गांधी हैं जो टेंपल रन के लिए कुख्यात हैं और खुद को जनेऊधारी हिंदू कहलवाए जाने का उतावलापन दिखा कर हंसी के पात्र बन चुके हैं. जय श्री राम के नारे पर आपत्ति जताने वाले राहुल गांधी को क्या जय श्री राम का मतलब भी पता है. क्या उन्हें द्वारका में पूजा करने के मायने पता हैं. मूर्तियों के सामने फोटो खिंचवाने वालों को मंदिर के महात्म से मतलब नहीं होता. राहुल गांधी उसी पार्टी की नुमाइंदगी करते हैं, जिसने राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था. जाहिर है राम के अस्तित्व को नकारने का मतलब सनातन के अस्तित्व को नाकारना है.
द्वारका यात्रा पर राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने पुणे में बेहद असभ्य अंदाज में कहा कि – नरेंद्र मोदी कभी पाकिस्तान की बात करेगा. कभी समंदर के नीचे जाकर ड्रामा करेगा. आपने देखा, पता नहीं देखा या नहीं. वो समंदर के नीचे जाकर डरा हुआ था कि कहीं कुछ हो न जाए यहां पर. मजाक बना रहा है राजनीति का.
राहुल गांधी पर प्रधानमंत्री मोदी का आरोप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि पुरातत्वविदों को समुद्र में द्वारका मिली. मैं पानी के अंदर गया और द्वारका में पूजा की. लेकिन कांग्रेस के शाहजादा का कहना है कि समुद्र में प्रार्थना करने लायक कुछ भी नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन लोगों ने हमारी हजारों साल पुरानी संस्कृति, हमारी मान्यताओं को सिर्फ अपने वोट बैंक के लिए खारिज कर दिया है. राहुल गांधी के इस बयान को लेकर प्रधानमंत्री मोदी, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर भी निशाना साध चुके हैं. प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि – मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं जो खुद को यदुवंशी कहते हैं. अगर वो सच्चे यदुवंशी हैं तो आप उस पार्टी के साथ कैसे बैठे हैं जो इसका अपमान कर रही है.
द्वारकाधीश श्रीकृष्ण ने बसाई थी नगरी
इसी साल 2024 के फरवरी के महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समुद्र में डूबी द्वारका नगरी देखी थी. प्रधानमंत्री ने इसे एक दिव्य अनुभूति बताते हुए कहा था कि उन्हें एक प्राचीन आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति से जुड़ाव महसूस हुआ है. भगवान श्रीकृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें.
गुजरात के काठियावाड़ इलाके में अरब सागर में डूबी इस नगरी को भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के बाद मथुरा छोड़ने पर बसाया था. इस नगरी में कई द्वार होने की वजह से इसका नाम द्वारका पड़ा था. कुछ साल पहले ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओसियनोग्राफी को समुद्र के अंदर इस प्राचीन नगरी के अवशेष मिले हैं. यहां मिले बर्तन 3 हजार साल से ज्यादा पुराने हैं. भगवान कृष्ण ने यहां 36 साल तक राज किया था. उनके प्राण त्यागते ही यदुवंश खत्म हो गया और द्वारका नगरी समुद्र में डूब गई. (तस्वीर – राहुल गांधी के फेसबुक पेज से साभार)