कांवड़ यात्रा के रूट पर खाने-पीने की दुकानों पर दुकानदार की पहचान के लिए नाम की प्लेट लगाने को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है. मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि ऐसा कोई आदेश प्रदेश में जारी नहीं किया गया है. यही नहीं सरकार की ओर से सभी नगरीय निकायों को किसी भी तरह के भ्रम से बचने को कहा गया है. हालांकि स्पष्टीकरण में यह भी कहा गया है कि दुकान मालिक खुद से चाहें तो नेम प्लेट लगवा सकते हैं. ऐसी खबरें थीं कि उज्जैन के महापौर ने इस बात के निर्देश जारी किए थे.
यूपी सरकार के आदेश पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करते हुए शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है. जिसके बाद प्रदेश सरकार ने अपनी ओर से स्पष्टीकरण दिया है.
बता दें कि यूपी में कांवड़ यात्रा को लेकर योगी सरकार ने यात्रा मार्ग पर खाने-पीने की दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने का आदेश जारी किया है. पहले 17 जुलाई को मुजफ्फरनगर पुलिस ने जारी किया. मुजफ्फरनगर पुलिस का कहना है कि यह कदम उठाना इसलिए जरूरी था, जिससे कांवड़ियों में कोई कनफ्यूजन न रहे और कानून व्यवस्था में कोई दिक्कत ना आए. पुलिस के मुताबिक सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी थी.
मुजफ्फरनगर पुलिस के बाद 19 जुलाई को यूपी सरकार ने इस आदेश को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. जबकि कांवड़ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों का कहना है कि उन्हें यात्रा के दौरान शुद्ध शाकाहारी के नाम पर ठगा जाता है. साथ ही थूक मिला खाना तक परोसा जाता है. ऐसे में कांवड़ यात्रा के दौरान यह फैसला बिल्कुल सही है.