मध्य प्रदेश में राज्य सरकार ने नर्मदा किनारे बसे शहरों के लिए बड़ा फैसला लिया है. नर्मदा नदी की पवित्रता को बनाए रखने के लिए इसके किनारे बस इलाकों में शराब और मांस की दुकानों पर रोक लगा दिया गया है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि मां नर्मदा के स्वरूप और आशीर्वाद को बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है. कांग्रेस पार्टी ने भी राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे एक पवित्र पहल करार दिया है. कांग्रेस ने उज्जैन में शराब प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि नर्मदा के उद्गम स्थल अमकंटक (अनूपपुर जिला) में पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. नर्मदा में सीवेज नहीं छोड़ा जाना चाहिए. साथ ही नर्मदा नदी के उद्गम से दूर भविष्य की बस्तियों, भूमि की पहचान कर एक सैटेलाइट सिटी डेवलप किया जाना चाहिए. बता दें कि नर्मदा को मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता है.
एमपी के लिए क्यों अहम है नर्मदा?
नर्मदा को मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता है.
नर्मदा किनारे 21 जिले, 68 तहसील
नर्मदा किनारे 1138 गांव और 1126 घाट
नर्मदा किनारे 430 शिव मंदिर, 2 शक्ति पीठ