राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि एक सच्चा हिंदू होने का मतलब दूसरों का विरोध करना नहीं है. बल्कि हिंदू धर्म का मूल भाव ही सबको अपनाना है. उन्होंने कहा कि आमतौर पर ये गलतफहमी होती है कि कट्टर हिंदू होने का मतलब दूसरों को अपशब्द कहना या उनका विरोध करना है. जबकि यह सही नहीं है. सच्चा हिंदू होने का मतलब सभी को गले लगाना है. हिंदू समाज को एकजुट करने की कोशिश करने वाले लोगों को इस मूल भावना को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए.
कोच्चि में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा आयोजित ज्ञान सभा नामक राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि मैकाले द्वारा प्रचारित औपनिवेशिक शिक्षा प्रणाली आज अनुपयुक्त है. अब समय है कि भारत एक ऐसी भारतीय शिक्षा प्रणाली अपनाए जो सत्य और करुणा पर आधारित हो. उन्होंने कहा कि सच्चा विद्वान केवल वही नहीं, जो कमरे में चिंतन करे, बल्कि वह है जो अपने विचारों को कर्म के रूप में समाज के सामने प्रस्तुत करे. (तस्वीर – राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ फेसबुक पेज से साभार)