पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावन भुट्टो जरदारी इन दिनों ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदले हालात में अपने देश का पक्ष रखने के लिए अमेरिका में हैं. यहां वो अमेरिका की दो टूक सुनने के बाद बौखला गए हैं. इस बौखलाहट में वो भारत के खिलाफ अनापशनाप बके जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत दोनों देशों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत करने से बचने के लिए बहाने बना रहा है.
बिलावल भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार और सेना आतंकवाद के खिलाफ एकमत है. भारत को हमसे बातचीत करनी चाहिए. लेकिन भारत हर बार कोई न कोई बहाना बना देता है. कभी सेना और कभी सरकार का बहाना, कभी अंतराराष्ट्रीय राजनीति का तो कभी कहता है कि सभी मुसलमान आतंकवादी हैं इसलिए पाकिस्तान से बात नहीं करेंगे.
अभी दो दिन पहले ही बिलावल भुट्टो और उनके साथ गए प्रतिनिधिमंडल को अमेरिका ने शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. जब अमेरिकी सांसद ब्रैड शर्मेव ने साफ शब्दों में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से कहा कि – पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को खत्म करने की जरूरत है. जिसने साल 2002 में पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या की थी. पाकिस्तान को इस आंतकी संगठन को खत्म करने के लिए हर संभव कदम उठाने की जरूरत है.
ब्रैड शर्मेन ने हिंदुओं और तमाम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया. उन्हों ने कहा कि इन्हें बिना हिंसा, भेदभाव और असमान न्याय के डर के अपनी धार्मिक आस्था का पालन करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा लेने की पूरी आजादी होनी चाहिए. हैरानी की बात है कि ब्रैड शर्मेन के इस बयान के बाद भी बिलवाल भुट्टो उतनी ही बेशर्मी से पाकिस्तान का पक्ष रखने नजर आ रहे हैं.