उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में संस्कृत (Sanskrit) के छात्रों के लिए स्कॉलरशिप योजना का शुभारंभ किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले संस्कृत के छात्र-छात्राओं के साथ भेदभाव होता था. लेकिन अब हर छात्र को छात्रवृत्ति मिल रही है. उन्होंने कहा कि गरीब और वंचित छात्रों को छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए. लेकिन संस्कृत छात्रों के लिए इसकी व्यवस्था क्यों नहीं की गई. मुझे इस बात से हैरानी होती है. अभी तक संस्कृत के केवल 300 बच्चों की स्कॉलरशिप की व्यवस्था थी. जिसकी जानकारी ज्यादातर छात्रों को नहीं थी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कभी इस बात की कोशिश नहीं हो पाई कि संस्कृत परिषद को मान्यता दिला पाएं. मैंने बार-बार समझने की कोशिश की है कि संस्कृत से बच्चे दूर क्यों भाग रहे हैं. पता चला कि मान्यता ही नहीं मिल पा रही है. हमने स्कूल-कॉलेजों की मान्यता बहाल कराई. हमारी सरकार आई तो हमने 2017 में संस्कृत परिषद को मान्यता दिलाई. अब संस्कृत के छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ रही है. आज यूपी में करीब डेढ़ लाख बच्चे संस्कृत से जुड़े हैं. अब इनके संरक्षण की जिम्मेदारी शासन और समाज की होनी चाहिए.