उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मालेगांव ब्लास्ट मामले में फैसला आने के बाद कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि कोर्ट का यह फैसला कांग्रेस के भारत विरोधी, न्याय विरोधी और सनातन विरोधी चरित्र को एक बार फिर से उजागर करता है. जिसने भगवा आतंकवाद जैसा मिथ्या शब्द गढ़कर करोड़ों सनातन, आस्थावानों साधु-संतों और राष्ट्रसेवकों की छवि को कलंकित करने का अपराध किया है. उन्होंने कहा कि मालेगांव ब्लास्ट मामले में सभी आरोपियों का निर्दोष सिद्ध होना सत्यमेव जयते की सजीव उद्घोषणा है.
साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है. अदालत ने आदेश दिया है कि धमाके के सभी 6 पीड़ित परिवारों को दो-दो लाख रुपए और सभी घायलों को पचास हजार रुपए मुआवाजा दिया जाए. कोर्ट ने आरोपियों को यूएपीए आर्म्स एक्ट से भी बरी कर दिया. कोर्ट ने फैसले में कहा कि – दहशतगर्दी का कोई मजहब नहीं होता, क्योंकि कोई भी मजहब हिंसा की तरफदारी नहीं कर सकता. कोर्ट केवल धारणा और नैतिक सबूतों के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहरा सकती. इसके लिए ठोस सबूत होने चाहिए. (तस्वीर – एमयोगी आदित्यनाथ फेसबुक पेज से साभार)