राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि – कांग्रेस आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत बढ़ाकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती है. दोनों सदन में जब तक बीजेपी का एक भी सदस्य है. धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होने देंगे. ये संविधान विरोधी है. गृहमंत्री ने कहा कि संविधान का सम्मान सिर्फ बातों में नहीं, काम में भी होना चाहिए. इस चुनाव में अजीबोगरीब नजारा देखा. आम सभा में संविधान लहराकर, झूठ बोलकर जनादेश लेने की कोशिश कांग्रेस के नेताओं ने की. संविधान लहराने का विषय नहीं है. संविधान तो विश्वास का विषय है. श्रद्धा का विषय है.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ राजनेता आए जो 54 साल की आयु में खुद को युवा कहते हैं. वो चिल्लाते रहते हैं कि संविधान बदल देंगे. बीजेपी ने 16 साल में 16 बदलाव किए. कांग्रेस ने भी परिवर्तन किए. इन बदलाव का मकसद क्या था. क्या लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए परिवर्तन किए गए या फिर अपनी सत्ता को टिकाने के लिए परिवर्तन किए गए. इससे ही पार्टी का चरित्र पता चल जाता है. संविधान बदलने की व्यवस्था संविधान में है. कोई ये न समझे कि हमारा संविधान दूसरे देशों के संविधान की नकल है. हां हमने दूसरे संविधानों का अध्ययन किया है. हमारे वेदों में कहा गया है कि सभी दिशाओं में अच्छी बातों को लेना चाहिए. (तस्वीर साभार – अमित शाह फेसबुक पेज से साभार)