ban on non-Hindus in Kedarnath Dham चारधाम यात्रा से पहले Kedarnath Dham में गैर हिंदुओं पर प्रतिबंध की मांग उठी है. केदरानाथ विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी विधायक आशा नौटियाल ने यहां मांस मछली और शराब जैसी एक्टिविटी कर रहे गैर हिंदुओं पर रोक लगाने की मांग की है. उनका कहना है कि ऐसे लोग धाम को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. आशा नौटियाल ने कहा कि हाल में यात्रा की तैयारियों को लेकर स्थानीय होटल, ढाबा व्यवसायी और घोड़े-खच्चर रखने वाले लोगों के साथ हुई बैठक में यह बात सामने आई है.
आशा नौटियाल ने कहा कि जो लोग Kedarnath Dham को बदनाम करने का काम करते हैं. उन पर प्रतिबंध लगना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि केदारनाथ और उत्तराखंड के अन्य धामों के दर्शन के लिए पूरे विश्व से लोग यहां आते हैं. ऐसे में उनकी आस्था को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए.
केदारनाथ धाम का महत्व
हिमालय के केदार पर्वत पर केदारनाथ धाम में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यहां स्थापित शिवलिंग स्वयंभू है. शिवलिंग ऐसी मान्यता है कि यहां शिव की आराधना करने से तीर्थयात्रियों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था. भगवान शिव ने यहां पांडवों को दर्शन देकर वंश और गुरू हत्या के पाप से मुक्त किया था. इसके बाद नौवीं सदी में आदि शंकराचार्य ने इसका जीर्णोद्धार किया. वो यहीं से सशीर स्वर्ग गए. ऐसा कहा जाता है कि बिना केदारनाथ में दर्शन किए बदरीनाथ क्षेत्र की यात्रा का पुण्य प्राप्त नहीं होता. (तस्वीर साभार- श्री केदारनाथ धाम फेसबुक पेज से साभार)