मध्य प्रदेश में सोयाबीन किसानों ने प्रदेश सरकार से पैदावार का उचित दाम दिलाने की मांग की है. एमपी में सोयाबीन की अच्छी पैदावार होने के बाद किसान अब छह हजार रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए धार जिले के किसानों ने प्रदर्शन करते हुए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. इससे पहले विदिशा में भी गेहूं और सोयाबीन की कीमत को लेकर ऐसी ही मांग की जा रही है. जब केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान गंजबसौदा पहुंचे तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोक कर उनके वादे को याद दिलाया.
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भी इस मुद्दे पर सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि – एक तरफ तो 5.47 मिलियन टन उत्पादन के साथ देश में पहला स्थान पाया है. इससे मध्य प्रदेश को सोया प्रदेश का दर्जा मिला है. वहीं दूसरी तरफ फसल उगाने वाले किसान उपज की सही कीमत न मिलने से किसान परेशान हैं. वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि सोयाबीन का भाव दो और सदस्यता लो.
सोयाबीन के उत्पादन में मध्य प्रदेश अव्वल
बता दें कि महाराष्ट्र और राजस्थान को पीछे छोड़ते हुए मध्य प्रदेश ने एक बार फिर सोयाप्रदेश के रूप में अपनी बादशाहत साबित की है. एक बार फिर एमपी ने सोयाबीन के प्रोडक्शन में देश के बाकी राज्यों को मात दे दी है. साल 2023-24 में सोयाबीन के उत्पादन में मध्य प्रदेश का 41.92 प्रतिशत योगदान रहा है. पिछले साल के मुकाबले इस बार उत्पादन बढ़ा है. इस बार प्रदेश में 6675 हजार मैट्रिक टन का उत्पादन हुआ है. जबकि पिछले साल यानी 2022-23 में 6332 हजार मैट्रिक टन था.
2022-23 में सोयाबीन के उत्पादन में 5.47 मैट्रिक टन प्रोडक्शन के साथ महाराष्ट्र सबसे आगे था. लेकिन इस बार मध्य प्रदेश ने महाराष्ट्र के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है. इस तरह प्रदेश के किसानों ने अपनी मेहनत से प्रदेश को एक बड़ा सम्मान भी हासिल करने का मौका दिया है.