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हर सनातनी के 4 से 5 बच्चे होने चाहिए- DevkiNandan Thakur

Anju Pankaj Desk, December 7, 2024December 7, 2024

कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि हर सनातनी व्यक्ति के चार से पांच बच्चे होने चाहिए. इस बात को आप लोग नोट कर लें और इसे मजाक में न लें. इसे अगर आप मजाक समझ रहे हैं तो आने वाले समय में यह हिंदुस्तान, हिंदुस्तान नहीं बचेगा. क्योंकि अगर आप हम दो हमारे दो की सोच के साथ चलेंगे तो आने वाले समय में उन्हें रहने कौन देगा. आप बांग्लादेश को देख लीजिए, क्या वहां रहने दे रहे हैं. इन दुष्टों की विचारधारा को समाप्त करने के लिए जो चाहते हैं कि हिंदुस्तान को हिंदुस्तान ना रहने दिया जाए. इनके प्लान को खत्म करने के लिए जब तक जनसंख्या नियंत्रण बिल ना आ जाए. तब तक हर सनातनी के घर में चार बच्चे होने चाहिए.

देवकी नंदन ठाकुर का यह बयान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बाद आया है. जिसमें उन्होंने हिंदू समाज को दो की बजाए 3 बच्चे पैदा करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 प्रतिशत से नीचे नहीं होनी चाहिए. इसके लिए 2 की बजाए 3 बच्चे पैदा करें. यह संख्या इसलिए जरूरी है, जिससे समाज जिंदा रहे. नागपुर में कठाले कुल सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश की जनसंख्या नीति 1988-2002 में तय हुई थी. इसके मुताबिक अगर किसी समाज की जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे जाती है. इससे वह समाज अपने आप नष्ट हो जाएगा.

संघ प्रमुख का मानना है कि आजादी के बाद जनसंख्या वृद्धि दर में भारी अंतर के कारण आबादी में जहां भारत में उत्पन्न मत पंथों के अनुयायियों का अनुपात 88 प्रतिशत से घटकर 83.8 प्रतिशत रह गया. जबकि मुस्लिम आबादी का अनुपात 9.8 प्रतिशत से बढ़कर 14.24 प्रतिशत हो गया. उन्होंने एक बार कहा था कि- एक व्यापक जनसंख्या नीति की जरूरत है जो सभी पर समान रूप से लागू होती है. हमें जनसंख्या असंतुलन पर नजर रखनी होगी. जब सभी पर समान रूप से एक नीति लागू होगी तो किसी को भी रियायतें नहीं मिलेंगी.

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि बच्चों की संख्या उतनी महत्वपूर्ण नहीं है. घर में बच्चा भले ही एक हो, लेकिन वह कट्टर हिंदू होना चाहिए. उन्होंने हिंदू परिवारों में बच्चों की संख्या को लेकर कहा कि – कम बच्चे होने से परिवार का विखंडन हो रहा है. ऐसे हालात में बच्चों को ना तो चाचा का सुख मिल रहा है और ना ही मौसी या बुआ का. इसलिए परिवार में कम से कम चार बच्चे तो होने ही चाहिए. (तस्वीर साभार- DevkiNandan Thakur ji फेसबुक पेज से साभार)

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