राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR)ने सभी राज्यों को लेटर लिख कर मदरसों को दिए जाने वाला फंड बद करने की सिफारिश की है. National Commission for Protection of Child Rights का कहना है कि ये मदरसे राइट टू एजुकेशन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. बाल आयोग का कहना है कि मदरसों का पूरा फोकस धार्मिक शिक्षा पर रहता है जिससे बच्चों को जरूरी शिक्षा नहीं मिल पाती और वो बाकी बच्चों से पिछड़ जाते हैं. इसके अलावा कुछ मदरसों में बच्चों को किताबें, ड्रेस और मिडडे मील नहीं मिलता.
आयोग का कहना है कि मदरसों में जवाबदेही की कमी है, यहां बच्चों के अधिकारों पर कोई बात नहीं करता. यहां अनजाने में बच्चों के साथ भेदभाव हो रहा है. इसतरह करीब 1.2 करोड़ बच्चों को बेसिक शिक्षा नहीं मिल रही है. यही नहीं बाल आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा है कि मदरसों से गैर मुस्लिम बच्चों को हटाया जाए. क्योंकि संविधान के मुताबिक (अनुच्छेद 28) माता-पिता की सहमति के बगैर किसी बच्चे को धार्मिक शिक्षा नहीं दी जा सकती है.