अगर इस देश में कुछ भी गलत होता है तो इसका असर हिंदू समाज पर पड़ता है. क्योंकि हिंदू समाज देश का कर्ता-धर्ता है. लेकिन अगर देश में कुछ भी अच्छा होता है तो इससे हिंदुओं का गौरव बढ़ता है. राजस्थान के अलवर में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू होने का मतलब उदार होना है और सभी के प्रति सद्भावना दिखाना है. भले ही उनकी धार्मिक मान्यताएं, जाति या आहार संबंधी प्रथाएं कुछ भी हों.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जिसे आमतौर पर हिंदू धर्म कहा जाता है वह एक सार्वभौमिक मानव धर्म है. जो भी इन मूल्यों और संस्कृति के साथ रहता है, उसे हिंदू माना जा सकता है. चाहे वह किसी की भी पूजा करता हो. कोई भी भाषा बोलता हो, उसकी जाति, क्षेत्र या आहार-व्यवहार कुछ भी हो. कई लोग बाहरी तौर पर संघ का विरोध करते हैं, लेकिन मन में इसके प्रति सम्मान का भाव रखते हैं और संघ के महत्व को स्वीकार करते हैं.