थूक जिहाद, मूत्र जिहाद, लव जिहाद और लैंड जिहाद से परेशान हिंदू समाज पर एकजुट होकर अपने धार्मिक मुद्दों पर खुलकर अपनी मांग रख रखा है. भविष्य के खतरों और राजनीतिक एकजुटता की ताकत को अब वह समझ चुका है. बंटेंगे तो कटेंगे का डर उसे सामने दिखने लगा है. यही वजह है कि धार्मिक मुद्दों पर अपनी बातें खुल कर रखी जा रही हैं. अगले साल प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ के आयोजन में गैर सनातनियों, खासकर अपनी कट्टरता के लिए कुख्यात एक वर्ग विशेष को दूर रखने की मांग की जाने लगी हैं.
ये लोग थूक जिहाद, मूत्र जिहाद चला रहे हैं. इसलिए महाकुंभ में ये फैसला लिया गया है कि वहां कई गैरसनातनी की दुकान नहीं लगाने दी जाएगी. जब मक्का-मदीना में कोई हिंदू प्रवेश नहीं कर सकता तो महाकुंभ में क्यों. वो भी तो बहुत पवित्र और साधना की जगह है. इसलिए पहले वह मक्का-मदीना में इजाजत दिलवाकर हिंदुओं की एंट्री दिलवाएं तभी बात करें. (साध्वी प्राची)
जैसे मक्का-मदीना में मुस्लिमों को ही सिर्फ जाने की इजाजत होती है. वैसे ही कुंभ भी हिंदुओं का है औऱ इसमें किसी अन्य धर्म के लोगों को दखल नहीं देना चाहिए. (स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती )
जब मक्का-मदीना में हिंदू नहीं जाते तो कुंभ में मुस्लिम क्यों जाएंगे. उन्हें कुंभ मेले से दूर रहना चाहिए. मैं संतों की मांग का स्वागत करता हूं- एमए खान
जो लोग कुंभ में मुसलमानों के प्रवेश की वकालत कर रहे हैं, उन्हें पहले मक्का में हिंदुओं की दुकानें खुलने देनी चाहिए और फिर कुंभ में मुसलमानों के प्रवेश की बात करनी चाहिए. साथ ही जब मक्का में हिंदुओं की एंट्री नहीं है तो कुंभ में मुसलमान को क्यों प्रवेश दिया जाए. (स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती)
प्रयागराज कुंभ में गैर सनातनी की दुकान नहीं लगनी चाहिए. अगर इतना भाई-चारा है तो मक्का मदीना में हमारे हिंदुओं की दुकान भी लगवा दें. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (तस्वीर साभार- https://kumbh.gov.in)