कोलकाता में ट्रेन डॉक्टर की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग रोकने की मांग की. केस की सुनवाई से ठीक पहले कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट में हंसने के आरोप पर पीठ की टिप्पणी से उनकी पचास साल की साख और छवि छूमिल हुई है. उन्होंने कहा कि वो हंसे ही नहीं थे. इसलिए इस केस की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगाई जाए. कपिल सिब्बल ने कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसे बंगाल सरकार का पक्ष रख कर हम गुनाहगारों की तरफ खड़े हो गए हैं.
कपिल सिब्बल ने कहा कि चेंबर की महिला वकीलों को तेजाब हमले और रेप की धमकियां मिल रही हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर वकीलों को या फिर किसी दूसरे को खतरा होगा तो कोर्ट कदम उठाएगा. लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की कपिल सिब्बल की मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया. सुनवाई के दौरान सीजीआई ने कहा कि वो लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक नहीं लगाएंगे क्योंकि यह जनहित का मामला है. (तस्वीर साभार- कपिल सिब्बल फेसबुक पेज से साभार)