उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं कोई वारिस नहीं हूं, मैं एक योगी हूं और योगी के रूप में ही काम करना चाहता हूं. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री योगी से जब ये सवाल किया गया कि क्या वह खुद को बीजेपी में उत्तराधिकारी के रूप में देखते हैं. उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा कि भारत माता के एक सेवक के रूप में उत्तर प्रदेश की जनता की जिम्मेदारी मुझे दी गई है. उसी रूप में अपना काम कर रहा हूं. मैं चाहता हूं कि काम करते-करते अगर मुझे गोरखपुर जाने का मौका मिले को मैं अपने योगी धर्म को और आगे बढ़ाऊं.
पीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री दोनों पदों पर काम करने के अनुभव को लेकर किए गए सवाल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने अपनी परंपराओं के साथ विसंगति दी है. यही भारत के सनातन प्रतीकों के साथ भी हमने दे दी है. हमने संन्यास को भी इस बात का प्रतीक बना दिया कि संन्यास का मतलब व्यक्ति एकांत में जाकर आत्मपुण्य के लिए काम करे. लेकिन मुझे लगता है कि यह धर्म का रास्ता नहीं है. (तस्वीर साभार- एमयोगी आदित्यनाथ फेसबुक पेज से साभार)