उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जैव विविधता के महत्व को भारत से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता. किसी सनातन परिवार में मांगलिक कार्य की शुरुआत शांति पाठ से होती है. ये अपने लिए नहीं होता बल्कि पूरे संसार के कल्याण की कामना के साथ मांगलिक कार्य शुरू होता है. उन्होंने कहा कि अगर मनुष्य को जीवित रहना है तो संसार के बारे में सोचना होगा.
अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के मौके पर लखनऊ में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारा मकसद ये होना चाहिए कि प्रकृति को बचाते हुए सतत विकास को बचाया जाए. उन्होंने कहा कि हमें विकास का ऐसा मॉडल अपनाना चाहिए कि आत्मघाती न हो. (तस्वीर- एमयोगी आदित्यनाथ फेसबुक पेज से साभार)