मध्य प्रदेश में भारतीय वन सेवा अधिकारियों की गोपनीय चरित्रावली (एसीआर) के लिए बड़ा फैसला लिया गया है. इस फैसले के तहत वन प्रबंधन में शामिल अहम विभागों के बीच पारदर्शिता, सहयोग और कौशल बढ़ाने के मकसद से नई प्रणाली लागू की गई है. इस नई प्रणाली में डीएफओ की एसीआर पर कलेक्टर की टिप्पणियों को भी शामिल किया गया है.
फिलहाल अभी जो व्यवस्था लागू है उसमें भी वन प्रबंधन और इससे जुड़े मामलों में कलेक्टर की भूमिका अहम होती है. उसके अभिमत पर ही प्रस्ताव पास किए जाते हैं. नए फैसले के तहत अब वरिष्ठ आईएफएस अफसरों की एसीआर अब विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव या फिर मुख्य सचिव के जरिए मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की व्यवस्था तय की गई है.
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