स्वामी रामभद्रचार्य ने कहा है कि हिंदुस्तान में सिर्फ हिंदू की बात होनी चाहिए. जात-पात की नहीं. उन्होंने कहा कि वो जाति आधारित जनगणना के पक्ष में नहीं हैं. एक तरफ जात-पात छोड़ने की बात की जाती है तो दूसरी तरफ जाति गणना कराने की तैयारी है. यह ठीक नहीं है. स्वामी रामभद्रचार्य ने यह बयान पटना के गांधी मैदान में भगवान परशुराम के जन्म महोत्सव के समापन पर आयोजित सनातन महाकुंभ की अध्यक्षता के दौरान कही. उन्होंने चेताया कि हिंदू समाज में जहर मत घोलिए, हमारे यहां सभी जाति को भी सम्मान देने की परंपरा रही है.
स्वामी रामभद्रचार्य ने सनातन रक्षा का संकल्प दोहराया. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म शास्वत धर्म है. सनातन संस्कृति का बुरा चाहने वाले का भला नहीं होगा. उन्होंने कहा कि वो बिहार में माता सीता का भव्य मंदिर निर्माण और उन्हें राज्य देवी का दर्जा भी दिलाएंगे. इस कार्यक्रम में बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि सनातन का अर्थ है जिसका ना आदि ना अंत, जो सदा था सदा है और रहेगा. हम सब हिंदू एक हैं. कहीं भाषा, क्षेत्र और जाति की लड़ाई में हमें नहीं उलझना है. हिंदुओं को कटने, घटने और बंटने नहीं देना है.