भारत कोई धर्मशाला नहीं है, जहां हम दुनिया भर से आए विदेशी नागरिकों को जगह दे सकें. क्या भारत में दुनिया भर से आए शर्णाथियों को शरण दी जा सकती है. हम 140 करोड़ लोगों के साथ संघर्ष कर रहे हैं. ये सख्त टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने की है. श्रीलंका के एक नागरिक की शरण की अर्जी को खारिज सकते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें कहीं.
श्रीलंका का जिस नागरिक की अर्जी पर सुनवाई हो रही थी. उसे 2015 में आतंकी संगठन लिट्टे से जुड़े होने के शक में गिरफ्तार किया गया था. भारत में वो यूएपीए केस और विदेशी अधिनियम केस में दोषी है. उसने सुप्रीम कोर्ट में यह कह कर शरण देने की अर्जी दी थी कि अगर वो वापस श्रीलंका जाएगा तो मारा जाएगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि किसी दूसरे देश में चले जाओ.