मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने देवी अहिल्या बाई होलकर की पुण्यतिथि पर कहा कि उन पर हमेशा भगवान शिव की कृपा बनी रही और वो सभी की आई बन गईं. आज उनकी पुण्यतिथि पर इतने बड़े पैमाने पर आयोजन का होना ही उनके लिए श्रद्धा को दर्शा रहा है. इंदौर में लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 229वीं पुण्यतिथि पर देवी अहिल्या उत्सव समिति द्वारा आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होलकर का शासनकाल इतिहास का गौरवशाली पृष्ठ है. तमाम बड़ी चुनौतियों के बाद भी उन्होंने अपनी बुद्धिमानी और लोकहित की भावना से सुशासन की मिसाल पेश की. आज हम सभी उनके सदकार्यों को आगे बढ़ाने में मददगार बनें.
कौन थीं लोकमाता अहिल्याबाई होलकर?
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर (31 मई 1725 से 13 अगस्त 1795) मराठा साम्राज्य की महारानी थीं. वो प्रसिद्ध सूबेदार मल्हारराव होलकर के बेटे खण्डेराव की पत्नी थीं. उनकी शादी 10-12 साल की उम्र में हुआ. 1754 में जब वो 29 साल की थीं तब उनके पति खण्डेराव कुंभेर युद्ध में शहीद हो गए थे. इसके 12 साल बाद उनके ससुर की मृत्यु होने पर वो मालवा साम्राज्य की महारानी बनीं. मुस्लिम आक्रमणकारियों से अपने साम्राज्य को बचाने के लिए वो युद्ध के मैदान तक में उतर जाती थीं. इसके अलावा उन्होंने महेश्वर और इंदौर में काफी मंदिरों का निर्माण भी कराया था. लोकमाता अहिल्याबाई होलकर ने कई किले, कुए, बावड़ी, घाट, धर्मशाला(विश्राम गृह), प्याऊ, भूखों के लिए अन्नसत्र, सड़कों का निर्माण भी कराया. प्रजा भी उनके इस काम की वजह से उनका आदर किया करती थी. यही वजह से जब वो जीवित थीं तभी लोग उन्हें देवी कहने लगे थे.
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के प्रमुख कार्य
वाराणसी में अन्नपूर्णा देवी के मंदिर का निर्माण
गया में विष्णु मंदिर का निर्माण
सोमनाथ, अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार में मंदिरों का निर्माण
द्वारका, बद्रीनारायण, रामेश्वर, जगन्नाथपुरी में मंदिरों का निर्माण
कोलकाता से काशी तक सड़क का निर्माण
इंदौर को छोटे से गांव से शहर बनवाया