झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि संथाल परगना में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान और उनकी गिनती करके उन्हें डिपोर्ट करने का एक्शन प्लान कोर्ट को बताए. कोर्ट ने दुमका, पाकुड़, जामतारा, देवघर, साहेबगंज और गोड्डा जिलों के डीएम को आदेश दिया है कि वो कोर्ट को बताएं कि इन जिलों में कितने घुसपैठिए रह रहे हैं. हैरानी की बात है कि कोर्ट में राज्य सरकार ने दलीली दी है कि पुलिस प्रशासन को घुसपैठियों की पहचान करने में परेशानी हो रही है. इस पर कोर्ट ने इस काम के लिए स्पेशल टीम को काम पर लगाने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने घुसपैठ पर चिंता जताते हुए कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिए फर्जी पहचान पत्र बनवा कर रह रहे हैं और स्थानीय लोगों का हक मार रहे हैं. साथ ही साथ कोर्ट ने इन जिलों के उपायुक्तों को जरूरी आदेश पारित करने का निर्देश गिया है जिससे कि पहचान पत्र से जुड़े सरकारी दस्तावेज सत्यापन के बाद ही जारी किए जाएं.
बीजेपी सांसद ने भी संसद में उठाया था मुद्दा
पिछले दिनों गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे इस मामले को संसद में उठा चुके हैं. निशिकांत दुबे ने संसद में हैरान कर देने वाला आंकड़ा पेश किया था. उन्होंने सदन में बताया कि प्रदेश में बंगाली मुस्लिमों की आबादी तेजी से बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि झारखंड के वनवासी समुदाय की आबादी तेजी से घट रही है. क्योंकि यहां बंगाली मुस्लिम वनवासी महिलाओं से निकाह कर रहे हैं. यहां वनवासी समुदाय की आबादी सीधे दस प्रतिशत तक कम हो गई है. लेकिन संसद में इस पर बात नहीं होती. निशिकांत दुबे ने कहा कि हर जगह पंद्रह से सत्रह प्रतिशत वोटर ही बढ़ता है. हमारे यहां 123 प्रतिशत मतदाता बढ़े हैं.
उन्होंने बताया कि झारखंड में 25 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां की जनसंख्या 123 प्रतिशत तक बढी है. पाकुड़ जिले में दंगा हुआ. यहां मालदा और मुर्शिदाबाद से आए लोग स्थानीय हिंदुओं को भगा रहे हैं. यहां हिंदू गांव खाली हो रहे हैं. इस मामले में केंद्र सरकार की दखल और संथाल परगना में एनआरसी लागू करने की मांग करते हुए निशिकांत दुबे ने संथान परगना के साथ पश्चिम बंगाल के मालदा औऱ मुर्शिदाबाद जिले को केंद्र शासित क्षेत्र बनाने की मांग की थी.