देश के दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में खूमने-फिरने की कई जगहें हैं जो सैलानियों को लुभाती हैं. इनमें सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाली जगह है खजुराहो. यह जगह दुनिया भर के टूरिस्ट को आकर्षित करती है. यहां के प्राचीन और मध्यकालीन मंदिरों (950 ईस्वी पूर्व की कला) को विश्व धरोहर में शामिल किया गया है. यह मंदिर नागर शैली की वास्तुकला से सजाई गई हैं. वैसे तो माना जाता है कि किसी समय में खजूर का विशाल बगीचा होने की वजह से इस जगह का नाम खजुराहो पड़ा, लेकिन आज ये अपने कामुक मूर्तियों वाले मंदिर की वजह से जाना जाता है. जिसे चंदेल राजाओं ने बनवाई थी.
कंदरिया महादेव मंदिर
खजुराहो के 22 मंदिरों में से एक कंदरिया महादेव मंदिर सबसे ज्यादा सैलानियों को लुभाता है. मंदिर के दीवारों पर की गई कामुक चित्रकारी (नक्काशी) इस मंदिर को खास बनाती है. ये मूर्तियों कामसूत्र के रूप में प्रेम औऱ जीवन का सार समझाती नजर आती है. यानी ये मूर्तियां कामसूत्र के सिद्धांतों को दर्शाती हैं. 1050 में चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए इस मंदिर में शुद्ध संगमरमर से बना शिवलिंग है. जहां दर्शन के लिए सावन में बड़ी संख्या में भक्त जुटते हैं. इस मंदिर का निर्माण (1065 ई के करीब ) राजा विद्याधर ने मोहम्मद गजनवी को दूसरी बार हराने के बाद बनवाया था.
आदिनाथ मंदिर
ग्यारहवीं शताब्दी में जैन संत आदिनाथ के स्मारक के रूप में बना खजुराहो का आदिनाथ मंदिर एक दर्शनीय स्थल है. इस मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है. इसके अलावा खजुराहो में साहू शांति प्रसाद जैन कला संग्रहालय में कई प्राचीन कलाकृतियों और अवशेषों को देखा जा सकता है.
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
खजुराहो में एक दिन बिताने के बाद आप अपनी छुट्टी का दूसरा दिन इसके आस-पास के पर्यटन स्थल देखने में बिता सकते हैं. खजुराहो से 43 किलोमीटर दूर पन्ना राष्ट्रीय उद्यान है. जो छतरपुर जिले में आता है. यह राष्ट्रीय उद्यान बाघों के लिए जाना जाता है. यहां सफारी के दौरान आप घने वर्षा वन से गुजरते हुए कई जीव और पौधे देख सकते हैं. यहां सफारी का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जनवरी का माना जाता है.
खजुराहो के पास के टूरिस्ट प्लेस
इसके अलावा खजुराहो से 34 किलोमीटर दूर पांडव जल प्रपात और पांडव गुफा भी घूमा जा सकता है. कुटनी बांध, बेनी सागर बांध, आदिनाथ मंदिर, रानेह जलप्रपात (पन्ना) अजयगढ़ किला भी देखा जा सकता है. खजुराहो से आप 153 किलोमीटर दूर चित्रकूट भी जा सकते हैं. यह एक प्रमुख तीर्थस्थल है. जहां भगवान राम ने अपना वनवास बिताया था. (तस्वीर साभार – मध्य प्रदेश टूरिज्म फेसबुक पेज से साभार)