कहानी ओडिशा (उड़ीसा) की है, जहां एक बच्ची बैंगन बेचती थी. लोगों की नजर में उसमें कोई अच्छाई नहीं थी. न तो उसके पास पैसे थे और न ही रूप था. इस लड़की को संत जयदेव गोस्वामी जी के पद गीत गोविंदम बहुत प्रिय था. वह हमेशा इस गीत को गुनगुनाती रहती थी. इस गीत के जरिए वो भगवान के प्रेम में डूब जाती थी. घर का सारा काम करने के साथ-साथ वह माता-पिता की सेवा भी करती थी. इस दौरान वो गीत गाती और भगवान को याद करती थी.
एक बार पूर्णिमा की रात उसके पिता जी ने उसे जगाया और चांदनी रात में बैंगन तोड़ लाने को कहा. जिससे वो उसे सुबह-सुबह बेचने जा सकें. वो लड़की उठी और गीत गुनगुनाते हुए बैंगन तोड़ने लगी. उसके गीत में इतना रस था कि भगवान भी उस गीत को सुनने के लिए उसके पास आ गए. वो बैंगन तोड़ने के लिए जिधर-जिधर जाते भगवान गीत सुनने के लिए उसके पीछे-पीछे इधर-उधर जाते थे. इस दौरान उनका पीतांबर (पीले रंग का कपड़ा) बैंगन के कांटे उलझकर चिथड़ा हो रहा था. लेकिन ये न तो उस लड़की को पता चला और ना ही पीछे-पीछे दौड़ रहे भगवान को.
इस बात की जानकारी तब हुई, जब सुबह भगवान जगन्नाथ जी का पट खुला और राजा उनकी झांकी के दर्शन के लिए गए. उन्हें लगा कि पुजारी ने भगवान को पुराना पीतांबर पहनाया है और नया अपने पास रख लिया. राजा को पुजारी की नीयत पर शक हुआ. इसलिए उन्होंने पुजारी को कारागार (जेल) में डाल दिया. निर्दोष पुजारी रोने लगा. वो भगवान को याद करने लगा. जब राजा आराम करने के लिए गया तो उसे सपने में भगवान जगन्नाथ जी ने दर्शन दिया और बताया कि पुजारी निर्दोष है. भगवान ने पुजारी को छोड़ने को कहा. इसके बाद भगवान ने राजा से कहा कि पीतांबर के बारे में जो तुम्हारी शंका है, तो बैंगन के खेत में जाकर देख लो, उसके टुकड़े बैंगन के काटों में तुम्हे पड़े मिल जाएंगे. भगवान ने राजा से कहा – मैं तो प्रेम के अधीन हूं, अपने प्रेमी जनों के पीछे-पीछे चक्कर लगाया करता हूं. बैंगन तोड़ने वाली बच्ची के प्रेम भरे गीतों को सुनने के लिए उसके पीछे-पीछे बैंगन के खेत पहुंच गया था. इसी वजह से मेरा पीतांबर बैंगन के कांटों में फंसकर फट गया.
बैंगन तोड़ने वाली बच्ची की यह कहानी तेजी से लोगों के बीच जंगल में आग की तरह फैल गई. राजा ने मंदिर में रोजाना मंगला आरती में गीत गोविंद गाने के लिए उस लड़की की नियुक्ति मंदिर में कर दी. इसके बाद से भगवान जगन्नाथ मंदिर में रोजाना मंगला आरती में गीत गोविंद का गान होता है. (तस्वीर साभार – Lord Jagannath फेसबुक पेज से )