मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है. भोपाल में मुख्यमंत्री के रूट पर आदेश होने के बाद भी पुलिस की तैनाती नहीं हो सकी. जबकि थाने में ड्यूटी पर तैनात प्रधान आरक्षक को इस बात की जानकारी दे दी गई थी. इतनी बड़ी लापरवाही इसलिए हुई क्योंकि सूचना मिलने के बाद भी प्रधान आरक्षक ने यह सूचना बाकी स्टाफ को नहीं दी. इस घटना के बाद डीसीपी ने प्रधान आरक्षक की एक साल की सैलरी इंक्रीमेंट को रोकने का ऑर्डर दे दिया.