साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है. अदालत ने आदेश दिया है कि धमाके के सभी 6 पीड़ित परिवारों को दो-दो लाख रुपए और सभी घायलों को पचास हजार रुपए मुआवाजा दिया जाए. कोर्ट ने आरोपियों को यूएपीए आर्म्स एक्ट से भी बरी कर दिया.
कोर्ट ने फैसले में कहा कि – दहशतगर्दी का कोई मजहब नहीं होता, क्योंकि कोई भी मजहब हिंसा की तरफदारी नहीं कर सकता. कोर्ट केवल धारणा और नैतिक सबूतों के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहरा सकती. इसके लिए ठोस सबूत होने चाहिए. अभियोजन पक्ष ने यह तो साबित कर दिया कि मालेगांव में ब्लास्ट हुआ था. लेकिन बम बाइक में रखा गया था. यह साबित नहीं हुआ. कोर्ट ने कहा कि – हमने एडीजी एटीएस को आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी के घर में विस्फोटक रखने के मामले की जांच शुरू करने का आदेश दिया है.
बता दें कि 29 सितंबर, 2008 को रमजान महीने में मालेगांव में हुए बम ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हो गई. जबकि 101 लोग घायल हो गए थे. (तस्वीर – साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर फेसबुक पेज से साभार)