केरल में एक युवक की मां हिंदू और पिता मुस्लिम थे. बड़े होने पर बेटे ने इस्लाम को मानने से इनकार कर दिया और हिंदू धर्म अपना लिया. उसका कहना है कि उसकी मां ने उसका पालन पोषण हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक किया है. उसने आर्य समाज के जरिए अपना धर्म तो बदल लिया लेकिन डॉक्यूमेंट में धर्म बदलने में कई दिक्कत आ रही थी. इस मामला केरल हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने इस पर अहम फैसला सुनाया.
हाईकोर्ट ने कहा कि – जो व्यक्ति स्वेच्छा से अपना धर्म बदलता है उसे संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत यह मौलिक अधिकार है कि वह अपने धर्म परिवर्तन को आधिकारिक स्कूल दस्तावेज में दर्ज कराए.
केरल हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब अनुच्छेद 25 के तहत स्वतंत्र धर्म के अधिकार में मर्जी से अपना धर्म बदलने का हक शामिल है. इसका मतलब यह है कि नागरिकों को भी ऐसे परिवर्तनों को ऑफिशियल रिकॉर्ड में दर्ज कराने का अधिकार है. इसे संविधान की प्रस्तावना के तहत संरक्षण हासिल होगा.