भगवान विष्णु को हम सभी क्षीर सागर में शेषनाग पर लेटे हुए और पास में बैठी माता लक्ष्मी की तस्वीर में हमेशा से देखते और पूजते आए हैं. पौराणिक कथाओं में क्षीर सागर का जिक्र मिलता है, विष्णु पुराण के मुताबिक कैलाश पर्वत से चालीस किलोमीटर दूर स्थित मानसरोवर झील ही क्षीर सागर है. दावा करने वाला कैस्पियन सागर या फिर कुछ लोग अटलांटिक महासागर के झाग को क्षीर सागर कहते हैं. कुछ लोग कैलाश पर्वत के पास कैलाश मानसरोवर को क्षीर सागर कहते हैं.
खगोलविदों ने अंतरिक्ष में पृथ्वी से 12 अरब प्रकाश वर्ष दूर जल भंडार को करीब एक दशक पहले खोजा था. इस खोजे गए सागर को अंतरिक्ष में भगवान विष्णु का क्षीर सागर होने का दावा किया जा रहा है. यह सागर अंतरिक्ष में तैर रहा है. जो पृथ्वी के तमाम महासागरों से भी काफी बड़ा है.
कहां है क्षीर सागर ?
पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान विष्णु का क्षीर सागर दूध से भरा एक समुद्र है. इसी सागर में भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर सोते हैं. विष्णु पुराण के मुताबिक कैलाश पर्वत से चालीस किलोमीटर दूर स्थित मानसरोवर झील ही क्षीर सागर है. मान्यता है कि भगवान शिव की जटा से निकलने वाली गंगा के वेग से क्षीर सागर का निर्माण हुआ. (तस्वीर साभार- कैलाश मानसरोवर यात्रा फेसबुक पेज से साभार)