यूरेशिया अध्यक्ष इयान ब्रेमर ने कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री Narendra Modi की तारीफ करते हुए कहा कि अगर वह ट्रंप के दावों को मान लेते तो अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump की इज्जत बच जाती. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इयान ब्रेमर ने कहा कि चीन और रूस प्रभावी रूप से Donald Trump के सामने खड़े हो गए थे. ऐसे में पीएम Narendra Modi भी उस स्थिति में आ गए हैं. पीएम Narendra Modi अगर चाहते तो भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump को शर्मिंदा होने से बचा सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा करने की बजाए सार्वजनिक रूप से यह कहने का फैसला किया कि उनका हमारे मसले से कोई लेना देना नहीं.
भारत के बार-बार खारिज किए जाने के बाद भी अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump सीजफायर का क्रेडिट लेने की कोशिश में जुटे हुए हैं. उन्होंने एक बार फिर से कहा है कि मैं भारत के बहुत करीब हूं. मैं प्रधानमंत्री Narendra Modi के काफी करीब हूं. मैंने उन्हें उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी थी. हमारे बीच काफी अच्छे संबंध हैं. लेकिन मैंने उन पर प्रतिबंध लगाए. एक बार फिर उन्होंने भारत औऱ पाकिस्तान का युद्ध रुकवाने का क्रेडिट लेने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष को सुलझाने में मैंने दखल दिया था. अगर भारत और पाकिस्तान को हमारे साथ कारोबार करना है तो उन्हें साथ मिलकर काम करना होगा. दोनों देश जोर शोर से आगे बढ़ रहे हैं.
जबकि पहले ही भारत और Pakistan के बीच युद्धविराम का क्रेडिट लेकर नोबेल पुरस्कार पाने के लिए उतावले Donald Trump का दावा Pakistan ने खारिज कर दिया है. Pakistan के उप प्रधानमंत्री Ishaq Dar ने Al Jazeera को दिए इंटरव्यू में माना है कि भारत ने कभी भी दोनों देशों के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार ही नहीं की. हालांकि हमें कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन भारत ने साफ तौर पर कहा है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने दावा किया था कि Operation Sindoor के दौरान उन्होंने भारत और Pakistan के बीच मध्यस्थता करके Ceasefire करवाया था. उन्होंने कहा था कि मैंने 6 युद्धविराम करवाए हैं, अगर मैंने समय रहते दखल नहीं दिया होता और सभी व्यापार वार्ता रोकने की धमकी ना दी होती तो भारत Pakistan से युद्ध कर रहा होता. जबकि भारत तीसरे पक्ष के दखल की बात को खारिज करता रहा है. भारत ने साफ कहा था कि Pakistan डीजीएमओ की विनती पर हमने उनका अनुरोध स्वीकार किया था.