प्रयागराज में विश्व के सबसे बड़े धार्मिक समागम का महाशिवरात्रि पर समापन होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ब्लॉग में भव्य महाकुंभ के आयोजन को एकता का महाकुंभ करार दिया. उन्होंने लिखा कि – महाकुंभ संपन्न हुआ, एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ. जब एक राष्ट्र की चेतना जागृत होती है, जब वो सैकड़ों साल की गुलामी की मानसिकता के सारे बंधनों को तोड़कर नव चैतन्य के साथ हवा में सांस लेने लगता है, तो ऐसा ही दृश्य उपस्थित होता है.
प्रधानमंत्री ने लिखा कि – जैसे हमने 13 जनवरी के बाद से प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में देखा. 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मैंने देवभक्ति से देश भक्ति की बात कही थी. प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान सभी देवी देवता जुटे, संत महात्मा जुटे, बाल-वृद्ध जुटे, महिलाएं-युवा जुटे औऱ हमने देश की जागृत चेतना का साक्षात्कार किया. ये महाकुंभ एकता का महाकुंभ था. जहां 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ गई.
प्रधानमंत्री ने लिखा कि यूपी का सांसद होने के नाते मैं गर्व से कह सकता हूं कि योगी जी के नेतृत्व में शासन, प्रशासन औऱ जनता ने मिलकर, इस एकता के महाकुंभ को सफल बनाया. केंद्र हो या राज्य हो, यहां ना कोई शासन था, ना कोई प्रशासक था. हर कोई श्रद्धा भाव से भरा सेवक था. उन्होंने लिखा कि इतना विशाल आयोजन आसान नहीं था. मैं प्रार्थना करता हूं मां गंगा से, मां यमुना से, मां सरस्वती से…हे मां हमारी आराधना में कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा करिएगा. श्रद्धालुओं की सेवा में भी कुछ कमी रह गई हो तो मैं जनता जनार्दन का भी क्षमप्रार्थी हूं. (तस्वीर साभार- राजनाथ सिंह फेजबुक पेज से साभार)