उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन संस्कृति विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है. वो किसी एक नहीं, बल्कि विश्व के कल्याण की बात करती है. उन्होंने कहा सनातन सशक्त है तो विश्व कल्याण का मार्ग अपने आप सशक्त हो जाता है. सनातन, मनुष्य के साथ प्राणियों में भी सद्भावना की बात करता है. यही सनातन धर्म का मूल है. प्रतापगढ़ में भागवत कथा के दौरान उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति जन्म के साथ कुछ न कुछ ऋण लेकर जाता है. उसे माता-पिता, गुरुजन के साथ मातृभूमि के ऋण से उऋण होने का मौका नहीं गंवाना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति शाश्वत है. हजारों साल से चली आ रही है. फिर भी इसका प्रमाण मांगा जाता है. ज्ञान, वैराग्य और कर्म का ज्ञान देने वाला भागवत महापुराण भी हमारी संस्कृति का प्रतीक है. यह कोई सामान्य ग्रंथ नहीं है. इसमें ऐसा अमृत तत्व है जो न केवल जीव को मोक्ष प्रदान करता है.
भागवत कथा में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि – भागवत पांच हजार साल से समाज को उसकी समस्या से परिचित कराते हुए मोक्ष का ग्रंथ बना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भागवत कथा ज्ञान, भक्ति और वैराग्य के साथ मुक्ति का मार्ग भी दिखाती है. उन्होंने कहा कि भागवत कथा, सभी वर्ग के लिए उसकी प्रकृति और कार्यक्षेत्र का मार्ग प्रशस्त करती है. मुख्यमंत्री ने सभी से भागवत कथा के भाव को समझने और उसके मूल्यों को सभी तक पहुंचाने की अपील की