बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर राष्ट्रपति और आदिवासी समाज के अपमान का आरोप लगाया है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि – मैं और बीजेपी का हर कार्यकर्ता भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के लिए सोनिया गांधी द्वारा बेचारी शब्द के इस्तेमाल की कड़ी निंदा करता है. दरअसल सोनिया गांधी ने कहा कि – अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गई थीं. बेचारी वह मुश्किल से बोल पा रही थीं. यही नहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को बोरिंग बताया. उन्होंने कहा कि यह बोरिंग था. वही बातें बार बार रिपीट की गईं.
सोनिया और राहुल गांधी के इस बयान के बाद राष्ट्रपति भवन के प्रेस सेक्रेटरी ने भी सोनिया गांधी के बयान पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि- विपक्षी सांसदों का बयान दुर्भाग्यपूर्ण और राष्ट्रपति की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि – भारत के संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति का पद सर्वोच्च है. यह सीधे तौर पर संविधान का अपमान है. राष्ट्रपति के अभिभाषण के तुरंत बाद उन्होंने जो निम्न स्तर की टिप्पणी की है. मैं उसकी कड़ी निंदा करता हूं.
दुनिया के सबसे बड़े देश लोकतंत्र में हमारे संविधान के मुखिया के नाते से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल को लेकर बजट भाषण में विस्तार से अपनी बात कही. बड़े गर्व का विषय था. देश के लिए उत्साह और उमंग का वातावरण था. ऐसे में कांग्रेस के लोगों ने हमेशा की तरह और सोनिया गांधी ने जो हल्की टिप्पणी की है. ये पूरे देश के लिए अपमानजनक है. खासकर आदिवासी बहन राष्ट्रपति के रूप में शोभायमान हैं. ऐसे में उनका अपमान करना ये सर्वथा निंदनीय है. मैं इसकी निंदा करता हूं और सोनिया गांधी से मांग करता हूं वो अपने कथन के लिए माफी मांगें. कांग्रेस का चरित्र है वो कदम कदम पर इस प्रकार की हरकतें करती है जिससे पूरा लोकतंत्र लज्जित होता है. राष्ट्रपति जी ने जितने अच्छे ढंग से अपनी बात रखी है वो पूरा देश जानता है. सोनिया जी को माफी मांगना चाहिए – मोहन यादव, सीएम, मध्य प्रदेश (तस्वीर साभार- भारतीय जनता पार्टी)